17 मई, 2010













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सरकार की सुनें तो नरेगा ( राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में 100 रु. ‘न्यूनतम मजदूरी’ है लेकिन मांग के मुताबिक भुगतान न होने से 100 रु. भी नहीं मिलते. ऐसे में 100 रु. को ‘अधिकतम मजदूरी’ कहना चाहिए. वैसे 100 रु. को भी घटाने की तैयारियां चल रही हैं. स्थानीय स्थितियों को देखते हुए यह सवाल बड़े काम का है, काम के बदले आखिर करवाया क्या? जैसे कि जिन गांवों में नाड़ियां (तालाब) नहीं हैं, हो भी नहीं सकते, क्योंकि वहां न पानी आता है, न रेतीली जमीनों में ठहरता है, वहां नालियां बनवाने से कोई फायदा नहीं. इसके बावजूद नालियां बनवाकर लाखों रु. राहत वाली फाइलों में चढ़ जाते हैं.

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