26 मई, 2010



4 बिपिन चन्द्र कह रहे हैं "जब आज नर्मदा घाटी एक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, तभी आशीष हमसे दूर हो गये। नर्मदा आन्दोलन के एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के तौर पर वे घाटी के तमाम प्रभावितों एवं बाहर की दुनिया के साथ एक मजबूत कड़ी की भूमिका निभाते थे। वे नर्मदा आन्दोलन के उन पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं में से थे जो कि खुद विवादास्पद सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र के प्रभावित हैं।... यदि हमें विस्थापन, अन्याय एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना है तो हमें उस जज्बे को जिंदा रखना होगा, जिसे इन लोगों ने जीवन पर्यन्त कायम रखा।"


(साभार : नर्मदा बचाओ आंदोलन)

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