7 आशीष भाई का सारा जीवन नर्मदा घाटी के लिए समर्पित रहा है। उन्हें नर्मदा घाटी के गॉंवों से लगाव रहा है। इसलिए उन्हें दोस्तों ने श्रद्धांजलि देते हुए यह फैसला लिया है की उनकी अस्थियों को नर्मदा में एक स्थान पर विसर्जित करने के बजाय राजघाट, भादल, मणिबेली, पाल्या, चिखल्दा, कसरावद, पिपलुद, महेश्वर, सेमल्दा आदि गॉंवों में और नर्मदा की सहायक नदियों मान, हथिनी, गोई, वेदा में विसर्जित किया जाएगा।
(साभार : नर्मदा बचाओ आंदोलन)
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